बड़ी सफलता: एड्स का रोगी पूरी तरह हुआ ठीक, अब तक ऐसा दूसरा मामला

बड़ी सफलता: एड्स का रोगी पूरी तरह हुआ ठीक, अब तक ऐसा दूसरा मामला

सेहतराग टीम

यह दूसरी बार है जब ग्लोबल महामारी एड्स के रोगी का एच.आई.वी संक्रमण ठीक हो गया है। 12 साल बाद यह दूसरी बार है जब एक मरीज ठीक हुआ है। यह एक ऐसा कारनामा है जिसे शोधकर्ता लंबे समय से करने की कोशिश कर रहे थे और दोबारा सफल हुए। शोधकर्ताओं ने कहा कि इस चौकाने वाली सफलता से साबित होता है कि एच.आई.वी के संक्रमण को ठीक करना संभव है।

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शोधकर्ताओं की रिपोर्ट मंगलवार को जर्नल नेचर में प्रकाशित हुई, जिसमें उन्होंने रेट्रोवायरस और आश्चर्यचकित करने वाले इस अवसर की जानकारी दी। वैज्ञानिकों ने कहा कि सार्वजानिक रूप से आने वाले समय में एड्स में कमी लाएगा। हालांकि साक्षत्कार यानी इंटरव्यू में कुछ विशेषज्ञों का कहा कि, यह केवल इलाज है, दुनिया के समाने इसके बारे कहना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि अभी हमारे सामने केवल दो उदाहरण ही हैं।

इन दोनों मामलों में डॉक्टर ने संक्रमित रोगियों को बोन मेरो ट्रांसप्लांट (अस्थि-मज्जा प्रत्यारोपण) किया गया था, जिससे मरीज संक्रमण से ठीक हुए हैं। लेकिन डॉक्टरों का ट्रांसप्लांट करने का मकसद कैंसर का इलाज करना था न कि एच.आई.वी का।

बोन मेरो ट्रांसप्लांट (अस्थि-मज्जा प्रत्यारोपण) के आने वाले भविष्य में वास्तविक उपचार विकल्प होने की संभावना नहीं है। हालांकि एच.आई.वी को कंट्रोल करने के लिए कारगर दवाएं उपलब्ध हैं। ट्रंसप्लांटेशन यानी प्रत्यारोपण जोखिम भरा हो सकता है जिसके साइड इफेक्ट सालों तक रहा सकते हैं। विशेषज्ञों के कहा कि, लेकिन शरीर को मॉडिफाइड प्रतिरक्षा कोशिकाओं के साथ बदल कर एच.आई.वी का सफल इलाज किया जा सकता है।

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नीदरलैंड की यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर यूट्रेक्ट के एक वायरोलॉजिस्ट डॉ. एनीमेरी वेन्सिंग ने कहा कि यह लोगों को प्रेरित करेगा कि इलाज सिर्फ एक सपना नहीं है बल्कि इलाज किया जा सकता है। डॉ. वेन्सिंग IciStem को-लीडर हैं, जो यूरोपीय वैज्ञानिकों के एक संघ है। डॉ. वेन्सिंग एच.आई.वी के इलाज के म सेल प्रत्यारोपण का अध्ययन कर रहे हैं। संघ AMFAR (American AIDS research organization) के अंतर्गत काम करती है।

 

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